एक दिन गुज़रा, फिर सौ, फिर हज़ार, और वापस ना तुम आये ना तुम्हारा वादा
इस दौरान, इतना जरूर पता चला, छुरी से भी जान लेवा हैं दुनिया में घाव बड़े
एक दिन गुज़रा, फिर सौ, फिर हज़ार, और वापस ना तुम आये ना तुम्हारा वादा
इस दौरान, इतना जरूर पता चला, छुरी से भी जान लेवा हैं दुनिया में घाव बड़े