खोया खोया सा है मीजाज आज, छोड़ आया कुछ कल के चौराहे पर, इठलाती बलखाती
सेहमा सेहमा सा हैं धड़कन क्यों, कोई जवाब रह गया शायद, बनते बनते
खोया खोया सा है मीजाज आज, छोड़ आया कुछ कल के चौराहे पर, इठलाती बलखाती
सेहमा सेहमा सा हैं धड़कन क्यों, कोई जवाब रह गया शायद, बनते बनते