कितने सारे अरमान, इससे बढ़कर फरीज़े, आ मिलते हैं, जब सोने का हो समय
फिर भी घसीटता लाऊँ नींद को, बस हुज़ूर, आपका हाथ हो हमारे हाथ में
Kavitha, Love, Marriage, Shayri
Kavitha, Love, Marriage, Shayri
कितने सारे अरमान, इससे बढ़कर फरीज़े, आ मिलते हैं, जब सोने का हो समय
फिर भी घसीटता लाऊँ नींद को, बस हुज़ूर, आपका हाथ हो हमारे हाथ में