शराब कोई ऐसा मिल जाए
जो मेरे ख्यालों को पंख दे, और शराबी के इलज़ाम से राहत
बाज़ी कोई ऐसी लड़ जाऊं
जो मुझे जीतने की खुशी दे, और मेरे हरीफ़ को ज़िल्लत-ए-हार से रिहाई
शराब कोई ऐसा मिल जाए
जो मेरे ख्यालों को पंख दे, और शराबी के इलज़ाम से राहत
बाज़ी कोई ऐसी लड़ जाऊं
जो मुझे जीतने की खुशी दे, और मेरे हरीफ़ को ज़िल्लत-ए-हार से रिहाई