आसमान भी छोटा पाऊँ, गर मैं बिछाना चाहूं, हुस्न-ए-महसूस
अल्फ़ाज़ भी खाली पाऊँ, गर मैं कहना चाहूं, हसरत-ए-दिल
Kavitha, Love, Marriage, Shayri
Kavitha, Love, Marriage, Shayri
आसमान भी छोटा पाऊँ, गर मैं बिछाना चाहूं, हुस्न-ए-महसूस
अल्फ़ाज़ भी खाली पाऊँ, गर मैं कहना चाहूं, हसरत-ए-दिल