पानी हर वो आग बुझा सकती हैं, पर मिटाये कैसे उसके निशान
प्यार हर कड़वी याद भुला सकती हैं, पर बरे कैसे उसके घाव
Kavitha, Love, Marriage, Shayri, Uncategorized
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पानी हर वो आग बुझा सकती हैं, पर मिटाये कैसे उसके निशान
प्यार हर कड़वी याद भुला सकती हैं, पर बरे कैसे उसके घाव