एक नकाब कम न था, एक और नकाब में जीना होगा
जाने कितने पहचान वालों को अनजान का खिताब मिला
Culture, Kavitha, Shayri, Uncategorized
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एक नकाब कम न था, एक और नकाब में जीना होगा
जाने कितने पहचान वालों को अनजान का खिताब मिला