कहने को है इतने सारे दोस्त, थोड़े करीब, थोड़े और करीब
अकेलेपन का बोज हल्का करने, किताब-ए-दोस्त से है क्या कोई करीब
Kavitha, Love, Shayri, Uncategorized
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कहने को है इतने सारे दोस्त, थोड़े करीब, थोड़े और करीब
अकेलेपन का बोज हल्का करने, किताब-ए-दोस्त से है क्या कोई करीब