अंग अंग उसके शबाब टपक जाए, मिठे मिठे उसके बोल लिपट जाए
गर, दिल उसे कोई उधार दे जाए, कोई अफसाना हमें भी छूकर जाए
Kavitha, Love, Marriage, Shayri
Kavitha, Love, Marriage, Shayri
अंग अंग उसके शबाब टपक जाए, मिठे मिठे उसके बोल लिपट जाए
गर, दिल उसे कोई उधार दे जाए, कोई अफसाना हमें भी छूकर जाए