ये शाम कुछ पहचाना सा लगता हैं, ये खाली हाथ जाने न पाए
इससे पहले के चाहतें बन जाए आहे, ये शाम यूँ ही डलने न पाए
Kavitha, Love, Marriage, Shayri
Kavitha, Love, Marriage, Shayri
ये शाम कुछ पहचाना सा लगता हैं, ये खाली हाथ जाने न पाए
इससे पहले के चाहतें बन जाए आहे, ये शाम यूँ ही डलने न पाए