बिछड़ के चले जब हम, एक आँसू बोया था, आँगन में तेरे
के ये आँसू बन जाये ख्वाइश, हमें फिर से करीब लाने का
Kavitha, Love, Marriage, Shayri, Uncategorized
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बिछड़ के चले जब हम, एक आँसू बोया था, आँगन में तेरे
के ये आँसू बन जाये ख्वाइश, हमें फिर से करीब लाने का