कभी हाँ कभी ना, और कुछ नहीं तो आँखों का सहारा
क्यों न सिर्फ इशारों के साथ जी लेते, बातों से न और धोका खाते
Kavitha, Love, Marriage, Shayri, Uncategorized
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कभी हाँ कभी ना, और कुछ नहीं तो आँखों का सहारा
क्यों न सिर्फ इशारों के साथ जी लेते, बातों से न और धोका खाते