वजह में न यूँ ज़िन्दगी गुज़ार, बिरह को न कर रातें निसार
धीरज से रक करार बरक़रार, बगियन में हैं और गुल हजार
Kavitha, Love, Shayri, Uncategorized
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वजह में न यूँ ज़िन्दगी गुज़ार, बिरह को न कर रातें निसार
धीरज से रक करार बरक़रार, बगियन में हैं और गुल हजार