तीर तो कहीं और चला, खून क्यों फिर मेरा बहा
नज़र ने शायद धोका खाया, या दिल फिर से जवान हुआ
Kavitha, Love, Marriage, Shayri, Uncategorized
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तीर तो कहीं और चला, खून क्यों फिर मेरा बहा
नज़र ने शायद धोका खाया, या दिल फिर से जवान हुआ