रात की है ये जबान
आहिस्ता, रेशम सा, हल्का सा
गुल गया जो इसके समुन्दर में
हो जाए दिल-शाद इसके दामन में
रात की है ये जबान
सादा, सुंदर सा, सूना सा
दिन के आइने से बाहर आने का मौका
आमने सामने की दौर से छुटकारा पाने का तरीका
रात की है ये जबान
जाना सा, पहचाना सा, लेटा हुआ
इसी ने सींचा तेरा हर कोया ख्वाब
इसी में मुकम्मल तेरा हर अधूरा जवाब
रात की है ये जबान
बेताब, बेपरवाह, बेइंतहा
सुनते रहे, करते रहे, औरों की मस्ती और मनमानी
अब छोड़ दो फिक्र, करो ना ज़िक्र, दुनिया-ए-खुदगर्ज़
रात की है ये जबान
लड़कड़ता, दबा हुआ, डूबा हुआ
एक आवाज बुलाती है, मीलों दूर से
एक नगमा सुलाती है, बड़े प्यार से
रात की है ये जबान
इशारे सभी, आहें भरी, अफसोस में बंधी
नौबत ना आती, तो उसे पास बुला लेता
किसी कारण, उसकी एक आंसू तो पोंछ देता