कभी इकट्ठे मिलने आये, तो कभी अकेले आये
नाकामी और तन्हाई ने, करवटों के मेले हजार ले आये
Kavitha, Love, Marriage, Shayri, Uncategorized
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कभी इकट्ठे मिलने आये, तो कभी अकेले आये
नाकामी और तन्हाई ने, करवटों के मेले हजार ले आये