कहते हैं, कुछ सालों में, चाँद का सफर आम सफर सा हो जायेगा
रहम करो, मेरे जैसे कवि का क्या होगा, मेरे कल्पना के पंख पर सफर कौन करेगा
Kavitha, Shayri, Uncategorized
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कहते हैं, कुछ सालों में, चाँद का सफर आम सफर सा हो जायेगा
रहम करो, मेरे जैसे कवि का क्या होगा, मेरे कल्पना के पंख पर सफर कौन करेगा