कोई बात उसमें जरूर होगी
जो बात छुपते छुपाते ही ज़ाहिर हो
वो हुस्न ज़रूर आज़र होगी

कोई राज़ ज़रूर गहरी होगी
जो राज़ आँखों की चिलमन से बयान हो
वो क़ातिल ज़रूर मुसीबत होगी

वो अफसाना ज़रूर निराली होगी
जो मुलाकात पुराना होके भी शादाब हो
वो दास्ताँ ज़रूर जिगरी होगी

कुछ हल्का ज़रूर मिलाई होगी
बिन पिए ही जो हमें शराबी करार दे
वो होंठ ज़रूर मदिरा के प्याले होंगे

कोई बात हम दोनें में ज़रूर होगी
जो अंजाने होके भी अंजाने न हो
ज़रूर ये जोड़ी रब ने बनाई होगी