लम्बी है जिसकी पहचान
लम्बी है जिसकी शान
तेरी ऊंचाई से छूले हम
चाँद और सितारे
देखो तुम्हारे जन्मदिन पर
लटके हैं कितने आसमान से तारे
लम्बी है जिसकी पहचान
लम्बी है जिसकी शान
क्रिकेट के मैदान में
आ गये कदम जो तेरे
टिक सका न बल्लेबाज का बल्ला
रुक सका न तालियों का मेला
लम्बी है जिसकी पहचान
लम्बी है जिसकी शान
लेके इंजीनियर बनने के सपने
पहुँच गए कुर्नूल कैसे
क्लास का सहारा , कैंटीन का प्यारा
घर का दुलारा, गलियों का शेह्ज़ादा
कदम लड़खड़ाए, तो एक दुसरे का साथ पाया
दिल घबराया, तो थाम के सीना हौसला बढ़ाया
लम्बी है जिसकी पहचान
लम्बी है जिसकी शान
पेड़ों की छांव में तेरा बसेरा,
पंछी की गुनगुन तेरा सवेरा
हर फूल की महक तुझसे मुस्काती,
जानवर भी तुझसे दिल का हाल सुनाती
लम्बी है जिसकी पहचान
लम्बी है जिसकी शान
क्या paradise, क्या बावर्ची
तेरी बिरयानी के दम पे
पूरी texas हुई दीवानी
मेहमाननवाजी तुम्हारी पाके, हैदराबाद से बिछड़ा बचपन लौट आई
लम्बी है जिसकी पहचान
लम्बी है जिसकी शान
सोचा न था, जाणा न था
बनेंगे हम दोनों ऐसे हमनशीं
सफर हमारी होगी इतनी हसीन
मिलेगी तेरे ही जरिए मेरी नाजनीन
लम्बी है जिसकी पहचान
लम्बी है जिसकी शान
दोस्ती की इस बन्दन को
यूं ही कायम रखना
ज़िन्दगी के हर मोड़ पे
साथ हमारा पाना
वादा है ये पक्का
दागा है ये कच्चा
यारों का हैं ये क़ाफ़िला
टूटे ना कभी ये सिलसिला
लम्बी है जिसकी पहचान
लम्बी है जिसकी शान