इस जमीन पर उतरे हम सब, कोई ज़िन्दगी का मज़ा लूटने, कोई बर्बाद करने
इस कदर तक़दीर का खेल तामा, कोई मुक़द्दर बनाके जिया, कोई उसे कोसता
Analysis, Kavitha, Shayri, Uncategorized
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इस जमीन पर उतरे हम सब, कोई ज़िन्दगी का मज़ा लूटने, कोई बर्बाद करने
इस कदर तक़दीर का खेल तामा, कोई मुक़द्दर बनाके जिया, कोई उसे कोसता