काश मैं ये जान पाता, तुझे भी ये हक़ है, भरोसे की, और बदले की
मुझे ज़ख़्मी बनाके, खूब निभाया दिल मेरे, तेरी बारी जो आयी धोखा लौटाने की
Kavitha, Love, Marriage, Shayri
Kavitha, Love, Marriage, Shayri
काश मैं ये जान पाता, तुझे भी ये हक़ है, भरोसे की, और बदले की
मुझे ज़ख़्मी बनाके, खूब निभाया दिल मेरे, तेरी बारी जो आयी धोखा लौटाने की