दुआ करते हैं
बुलंद हो जाए हमारे इरादे और हौसले
करीब आ जाए हमारे मंज़िलें और फितरतें
दुआ करते हैं
बदले आज जरूर हमारे रस्ते और पडोसी
बदले कभी ना, हमारे हमदर्द और साथी
दुआ मांगते हैं
आज रब से और हमारे ख़ैर-ख़्वाहों से
यूँ ही बुनते रहे हमारे सपने, आपके दुआओं से
यूँ ही खिलता रहे हमारी बगिया, आपके आ जाने से
दुआ मांगते हैं
आज हमारे परिवार और हमारे पूर्वज से
कोशिशों में डूबे रहे, हमारे सारे वो आशायें
अंजामोंमें में उलझे नहीं, हमारे सारे वो निराशायें
खुशियों के मेले, शायद नहीं दे पाए सदा इसका साथ
चाँद सितारों का सेज, शायद नहीं बन पाए सदा इसका पथ
ईंट पत्थरों का ये आशियान हमारा
ख्वाब के तार से सजाया ये घर हमारा
ले आया आज, हम को साथ दुबारा
याद दिलाने हम सबको, ये बात दुबारा
हर तूफ़ान का ये एक ही किनारा
हर थकान का ये एक ही आसरा
हर जश्न का ये सदाबहार बसेरा !!