चुपके चुपके दो दिलों की हसरत, उल्फत-ए-रंग की है पहचान
ढलते ढलते दिन और रात की गुफ्तगू, शाम-ए-ग़ज़ल की है निशान
Kavitha, Love, Marriage, Shayri, Uncategorized
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चुपके चुपके दो दिलों की हसरत, उल्फत-ए-रंग की है पहचान
ढलते ढलते दिन और रात की गुफ्तगू, शाम-ए-ग़ज़ल की है निशान